Pashupati Vrath And Pooja Vidhi
Pashupati Vrath And Pooja Vidhi दोस्तों, आज हम आपको हमारे इस लेख में बताएँगे की पशुपतिनाथ व्रत कैसे किया जाता है? व्रत की विधि ? पशुपतिनाथ व्रत की महिमा क्या हैं ? पशुपतिनाथ व्रत से क्या लाभ होते है ?
(Pashupatinath Vrat Mahima) पशुपतिनाथ व्रत की महिमा
पशुपति व्रत भगवन शिव को समर्पित व्रत है। इस व्रत में भगवन शिव की आराधना की जाती है। यह व्रत प्रदोष व्रत की तरह किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह व्रत सभी मनोकामनाओ को पूरा करने वाला और हर तरह के संकट से मुक्ति प्रदान करने वाला है। यह व्रत सोमवार से शुरू किया जाता है। एवं 5 सोमवार तक इस व्रत को किया जाता है। जिससे हर मनोकामना भोलेनाथ पूरी करते है।
पशुपति व्रत कब करे pashupati vrat kab kare
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इस व्रत के लिए कोई महीना या पक्ष निर्धारित नहीं है पशुपति व्रत किसी भी पक्ष में कर सकते है फिर चाहे वह कृष्ण पक्ष हो या शुक्ल पक्ष। बस इस बात का ध्यान रखना होता है की दिन सोमवार का ही होना चाहिए।
पशुपतिनाथ व्रत कब नहीं करना चाहिए ? / Pashupatinath Vrat Kab Nahi Karna Chahiye
भगवान पशुपतिनाथ खुद ही इस संसार के समस्त पशु – मनुष्य, देवो आदि के नाथ है इसलिए वे नहीं ऐसा कभी नहीं चाहेंगे की उनके किसी भी भक्त को कष्ट हो इसलिए बीमार, बुजुर्ग जो बीमार, गर्भवती महिला को यह व्रत नहीं करना चाहिए।
कितने व्रत करना चाहिए Pashupati vrat kitne kare
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शास्त्रों के अनुशार यह व्रत बहुत ही प्रभावशाली होता है। अगर आप इस व्रत को श्रद्धा से करते हो तो आपकी सभी मनोकामना पूरी होती है और आपके सभी दुःख दूर हो जायेंगे। पशुपति व्रत 5 सोमवार करने होते है।
पशुपतिनाथ व्रत की विधि / पशुपतिनाथ व्रत कैसे करे ?
Pashupati Vrath And Pooja Vidhi
सोमवार सुबह ब्रम्ह महूर्त में उठकर नहाने के बाद पूजा की थाली तैयार करनी चाहिए। और मन में श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करते रहे। पूजा की थाली में कुमकुम, अबीर, गुलाल, अष्टगंधा, लाल चन्दन, पीला चन्दन, अक्षत (बिना खंडित चावल) रखे। याद रखे कई लोग अपनी इच्छा अनुसार धतूरा, भाग, आंकड़ा भी रखते है
लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं है लेकिन अगर आपके पास सारी चीज़े नहीं है तो इसकी कोई जरुरत नहीं है क्यों की भगवान महादेव को भोले है भोलेनाथ है उन्हें किसी चीज़ की आवश्यकता नहीं है बस वे तो भक्त प्रेम देखते है, इसलिए आप प्रेम से पूजन की थाली के साथ ताम्बे के लोटे में शुद्ध जल ले और बिल्व पत्र रखले।
याद रहे पूजा की थाली में रखी गया सारी वस्तुए आपको शाम को भी इस्तेमाल करनी है इसलिए उसे अधिक मात्रा में रखे। अगर आपके पास बिल्व पत्र नहीं है तो मंदिर में रखे बिल्व पत्र को धोकर इस्तेमाल कर सकते है।
अब मंदिर में जाने से पहले ये याद रखले की आपको पहला व्रत जिस मंदिर में करना है बाकी की सारे व्रत भी उसी मंदिर में करने होंगे।
मंदिर में जाकर सबसे पहले भगवान को प्रणाम करे। शिवलिंग के पास पहुंच कर उसके आसपास थोड़ी सफाई कर दे। शिवलिंग का अभिषेक जल से करे और याद रखे किसी हड़बड़ी में जल न चढ़ाये आराम धीमे धीमे धार से जल चढ़ाये और मन में “ॐ नमः शिवाय” या “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ” मन्त्र का जाप करे ।
अब आप जिस भी कामना से व्रत कर रहे है वह मनोकामना भोलेनाथ के सामने जाहिर करे। और उनसे प्रार्थना करे की हमारी मनोकामना पूरी करना बाबा। और अपनी पूजा पूरी करे
घर पहुंचकर पूजा की थाली को पूजा घर में रख दे। अब प्रदोष काल में वही पूजा की थाली के साथ बिल्व पत्र और मिठाई का प्रसाद रखले साथ ही 6 दिये भी आपकी थाली में रखले। अब प्रदोष काल में उसी मंदिर में जाकर भगवान महादेव का पूजा अभिषेक आदि करके बिल्व पत्र सही तरीके से चढ़ाये।
Pashupati vrat
अब मिठाई के 3 हिस्से महादेव के सामने ही करे और 6 दियो मे से महादेव के सामने 5 दिये जला दे और मन ही मन अपनी कामना करके प्रभु से प्रार्थना करे। प्रसाद का तीसरा भाग और एक दिया अपने साथ ले आये। घर आकर अन्दर आने से पहले दाये हाथ पर उस दिए को जला दे और वही छोड़ दे।
अब आप शाम के फलाहार से पहले उस प्रसाद को खाली तथा याद रखे आपको प्रसाद किसी के साथ नहीं बांटना है वो आपको अकेले ही खाना है।
इस तरह आपका पहला व्रत पूरा हुआ और इसी तरह हर सोमवार आपको व्रत करना है।
Pashupati Vrath And Pooja Vidhi इसी प्रकार5 व्रत पूर्ण होने पर छटवे सोमवार को पूजा करने के बाद कुछ भी 108 चाहे चावल, गेंहू ,बेलपत्र ,मूंग कुछ भी लेकर जाओ जो आपकी श्रद्धा बाबा पर समर्पित कर दे। और एक श्री फल पर 11 रूपये रख कर बाबा को भेट कर दे। आपका व्रत पूर्ण हुआ बाबा आपकी मनोकामना जरूर पूरी करेंगे।
कृपया लोगों यह बतायें कि पशुपति व्रत का विधान समुचित किस ग्रंथ में है क्या आपने किसी ग्रंथ के निर्देश अनुसार पूरा उल्लेख दिये है या इसमें आपका भी मंतव्य सम्लित है ।
6th somvar ko subh hi ye shriphl shiv g ke mndir mai rkhna h ya sham ko
6th somvar ko bhi vrat rkhna h
ji ha 6th somvar ko vrat rakhna hai or vrat ka udhyapan karna hai
Kya pregnant women ye vart kar skti h hmari capacity hai vart krne ki
भगवान पशुपतिनाथ खुद ही इस संसार के समस्त पशु – मनुष्य, देवो आदि के नाथ है इसलिए वे नहीं ऐसा कभी नहीं चाहेंगे की उनके किसी भी भक्त को कष्ट हो इसलिए बीमार, बुजुर्ग जो बीमार, गर्भवती महिला को यह व्रत नहीं करना चाहिए।
6th सोमवार को उद्यापन कैसे करना हैं
ओर 6th दिया जो घर की देहली पर रखते है उस दिए का क्या करना रहता है क्योंकि मेने 1 पशुपति व्रत तो कर लिया हैं
Ladkiya bhi kar sakti hai ye vrat
nice
Agar Mandir change ho jaye kisi karanvash to kisi or mandir mein kr skte hai ya koi or upay?
Agar Mandir change ho jaye kisi karanvash to kisi or mandir mein kr skte hai ya koi or upay?
Agar bhool se sham ko vrat kholne time prasad khane se pahle namak wala bhojan kha le to kya hoga kya vrat toota kahlayega kya vrat fir se suru karna hoga please reply karo koi kya karu ab main